छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तु संग्रहालय: मुंबई का ऐतिहासिक खजाना और वास्तुकला का अद्भुत नमूना

Chhatrapati Shivaji Maharaj Vastu Sangrahalaya Mumbai Heritage Building

प्रस्तावना: मुंबई की सांस्कृतिक धरोहर

मुंबई के कोलाबा क्षेत्र में स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तु संग्रहालय (पूर्व नाम: प्रिंस ऑफ वेल्स म्यूजियम) न सिर्फ भारत बल्कि एशिया के सबसे प्रतिष्ठित संग्रहालयों में से एक है। 20वीं सदी के आरंभ में निर्मित यह भव्य इमारत भारतीय इतिहास, कला और संस्कृति के अनमोल खजाने को समेटे हुए है। 50,000 से अधिक कलाकृतियों के इस संग्रह में प्राचीन मूर्तियों से लेकर आधुनिक चित्रकला तक सब कुछ मौजूद है। आइए जानते हैं इस ऐतिहासिक धरोहर के बारे में विस्तार से!


1. संग्रहालय का इतिहास: शाही विरासत से राष्ट्रीय गौरव तक

स्थापना और प्रारंभिक वर्ष:

  • निर्माण वर्ष: 1904-1914
  • उद्घाटन: 10 जनवरी 1922
  • उद्देश्य: प्रिंस ऑफ वेल्स (भविष्य के किंग जॉर्ज पंचम) के भारत आगमन की स्मृति में
  • वास्तुकार: जॉर्ज विटेट (वही जिन्होंने गेटवे ऑफ इंडिया डिजाइन किया)

नाम परिवर्तन:

  • पुराना नाम: प्रिंस ऑफ वेल्स म्यूजियम
  • नया नाम: 1998 में मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर रखा गया

रोचक तथ्य: निर्माण में 7 लाख रुपये खर्च हुए, जो आज के 100 करोड़+ के बराबर है


2. वास्तुकला: इंडो-सारासेनिक शैली का उत्कृष्ट उदाहरण

मुख्य विशेषताएँ:

  • शैली: भारतीय, इस्लामिक और यूरोपीय वास्तुकला का मिश्रण
  • गुंबद: सफेद संगमरमर से निर्मित
  • प्रवेश द्वार: विशाल पत्थर के स्तंभों वाला
  • आंतरिक डिजाइन:
  • केंद्रीय गुंबद के नीचे प्राकृतिक रोशनी
  • जालीदार खिड़कियाँ
  • हाथीदांत और लकड़ी की नक्काशी

विशेषता: इमारत का डिजाइन मुगल और मराठा शैली से प्रेरित है


3. संग्रह: 5000 वर्षों की कला और इतिहास का खजाना

प्रमुख गैलरी और संग्रह:

  1. प्राचीन भारतीय कला:
  • मौर्य, गुप्त और चोल काल की मूर्तियाँ
  • 2,000 साल पुरानी गंधार कला
  1. प्राकृतिक इतिहास अनुभाग:
  • विशाल हाथी का कंकाल
  • दुर्लभ जीवों के नमूने
  1. कला अनुभाग:
  • राजा रवि वर्मा की मूल पेंटिंग्स
  • मुगल लघु चित्र
  1. अंतर्राष्ट्रीय कला:
  • चीनी और जापानी कलाकृतियाँ
  • यूरोपीय तेल चित्र

विशेष संग्रह:

  • शिवाजी महाराज का असली तलवार
  • ताजमहल का मूल आर्किटेक्चरल मॉडल

4. संग्रहालय की विशेषताएँ: आधुनिक सुविधाओं से लैस

आगंतुकों के लिए सुविधाएँ:

  • ऑडियो गाइड: हिंदी, अंग्रेजी और मराठी में उपलब्ध
  • व्हीलचेयर एक्सेस: दिव्यांगों के लिए विशेष व्यवस्था
  • कैफेटेरिया: मराठी और महाराष्ट्रीयन व्यंजन
  • गिफ्ट शॉप: स्मृति चिन्ह और किताबें

शोधकर्ताओं के लिए:

  • पुस्तकालय: 20,000+ दुर्लभ पुस्तकें
  • डिजिटल आर्काइव: ऑनलाइन संग्रह देखने की सुविधा

5. शैक्षिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ

नियमित आयोजन:

  • कला कार्यशालाएँ: बच्चों और वयस्कों के लिए
  • व्याख्यान श्रृंखला: प्रख्यात इतिहासकारों द्वारा
  • सांस्कृतिक कार्यक्रम: शास्त्रीय संगीत और नृत्य

विशेष प्रदर्शनी:

  • हर साल 2-3 विशेष थीम आधारित प्रदर्शनी
  • अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस (18 मई) पर विशेष कार्यक्रम

6. पर्यटक जानकारी: दर्शन के लिए आवश्यक विवरण

समय और शुल्क:

  • खुलने का समय: सुबह 10:15 से शाम 6:00 बजे तक (सोमवार बंद)
  • प्रवेश शुल्क:
  • भारतीय: ₹100 (वयस्क), ₹20 (बच्चे)
  • विदेशी: ₹650

कैसे पहुँचें:

  • निकटतम रेलवे स्टेशन: छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (2 किमी)
  • बस स्टॉप: म्यूजियम गेट
  • मेट्रो: निकटतम स्टेशन 1.5 किमी दूर

सुझाव: गाइड टूर लेने से संग्रहालय का पूरा आनंद मिलेगा


7. रोचक तथ्य: जो आप नहीं जानते होंगे!

  1. 1947 तक संग्रहालय में केवल अंग्रेज अधिकारी ही निर्देशक हो सकते थे
  2. 2008 में संग्रहालय को यूनेस्को एशिया-पैसिफिक हेरिटेज अवार्ड मिला
  3. इमारत में 3 भूमिगत तल हैं जो आम जनता के लिए बंद हैं
  4. 2010 में संग्रहालय ने अपना पहला मोबाइल ऐप लॉन्च किया
  5. संग्रहालय के बगीचे में 200 साल पुराने पेड़ हैं

निष्कर्ष: इतिहास का जीवित संग्रह

छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तु संग्रहालय मुंबई की सांस्कृतिक पहचान का अभिन्न अंग है। यहाँ आकर आप 5000 वर्षों के भारतीय इतिहास की झलक एक ही छत के नीचे देख सकते हैं। चाहे आप कला प्रेमी हों, इतिहास के छात्र हों या सिर्फ जिज्ञासु पर्यटक, यह संग्रहालय आपको मंत्रमुग्ध कर देगा। अगली बार मुंबई आएँ तो इस ऐतिहासिक धरोहर के दर्शन जरूर करें!

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